आख़िर ग़लती क्या थी मेरी
मैंने बस तुझे चाहा बस तेरा बन के रहा क्या सजा मुझे इसी बात की मिली त ही बता दे आखिर गलती क्या थी मेरी
मैंने कभी खुद को ना सोचा तेरे बनने से पहले कोई खुशी ना थी मेरी तरह खुश होने से पहले क्या सजा तुझे खुश रखने की मुझे मिली आखिर तू ही बता दे गलती क्या थी मेरी
तू मेरी ना बन सकी इस बात का मुझे गम नहीं पर मैंने शक किया तुझ पर मुझ पे इल्जाम भी तो कम नहीं क्या तुम बेवफा थी जी हाँ तुम बेवफा थी यह जानकर भी तुझे प्यार करने की सजा मुजे मिली आखिर तू ही बतादे गलती क्या थी मेरी
मेरी आंखों में आंखें डाल के तू मुझसे झूठ बोला करती मैं तुझसे प्यार करता था और तु मेरे दिल से खेलती थी क्या तेरे झूठ को भी सच मान लेने की सजा मुझे मिली आखिर तू ही बता दे गलती क्या थी मेरी
मैंने तुझको खुश रखने के लिए खुद को जला दिया पर मेरे भोलेपन का तूने हर दम फायदा ही लिया तेरी सच्चाई मैंने तझे कभी मंह पर ना बोली शायद इसी बात की सजा मुजे मिली बाकी तू ही बता दे आखिर गलती क्या थी मेरी