
नेपाल को नेपाल क्यों कहा जाता है ( तंत्र विद्या से बना एक देश: नेपाल )
नेपाल को नेपाल क्यों कहा जाता है इसकी एक दिलचस्प कहानी है | पौराणिक कथाओं के अनुसार नेह नाम के एक हिंदू ऋषि थे जो हजारों साल पहले पूर्व ऐतिहासिक युग में काठमांडू घाटी में रहते थे। पाल का मतलब है सुरक्षा यह जगह ऋषि नेह की रक्षा में थी और लोग इसे नेपाल के नाम से जाने लगे।
उसके बाद अलग-अलग वंश के राजाओं ने यहां राज किया| 2008 से पहले नेपाल धरती का अकेला संवैधानिक रूप से घोषित हिंदू राष्ट्र था| 2008 में इसे संयुक्त लोकतांत्रिक गणराज्य और एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र घोषित किया गया|
इस देश की भूमि ऊंचे पहाड़ों और घाटियों से भरपूर है दुनिया के 10 सबसे ऊंचे शिखर नेपाल में है| जिनमें पृथ्वी की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट भी शामिल है| 240 से ज्यादा शिखर समुद्र तल से 20000 फीट से ज्यादा की ऊंचाई पर है और यहां की मिट्टी उपजाऊ और नमी से भरपूर है और इस वजह से खेती के लिए उपयुक्त है |
यहा सबसे पहले निवार रहते थे जो अनूठी नेपाली भाषा बोलते थे| उन्होंने एक परिष्कृत शहरी सभ्यता का विकास किया जो हिमालय तलहटी की अन्य सभ्यताओं से बिल्कुल अलग थी | शिल्प कला, वास्तुकला, साहित्य, संगीत, खेती और भोजन में उनका योगदान आज भी स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है|
हालांकि नेपाल में बड़ी संख्या में बाहर से आकर बसे लोगों की वजह से निवास नेपाल की आबादी का सिर्फ 5% हिस्सा ही है और उनकी संपन्न भाषा और संस्कृति तेजी से गायब हो रहे हैं नेपाल में आज 81% आबादी हिंदू है| लेकिन वज्रयान बौद्ध और तांत्रिक हिंदू धर्म की एक संगम का पालन करते हैं| जिसे बौद्ध मार्ग और शिव मार्ग भी कहा जाता है|
समय के साथ इन दोनों धर्मों के तत्वों को प्राचीन बौद्ध धर्म में मिला दिया गया | जिससे एक तीसरा अनूठा संगम तैयार हुआ जिसे तिब्बती बौद्ध धर्म कहा जाता है
भारत का बड़ा हिस्सा एक समय ऐसा था कि पूरी जमीन को एक जीवित शरीर की तरह बनाया गया था जिस तरह से मानव शरीर में ऊर्जा की केंद्र हैं उसी तरह उन्होंने हर शरीर में ऊर्जा केंद्र स्थापित किए कई राजाओं ने अपने पूरे राज्यों को एक आध्यात्मिक शरीर में बदलने के इस महान और अद्भुत काम को प्रायोजित किया|
नेपाल एक ऐसी जगह है जहां यह चीज भारत के किसी भी भाग से कहीं ज्यादा जीवंत है

